अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रीजीजू ने बुधवार को उर्दू को ‘दुनिया की सबसे खूबसूरत भाषा’ कहा और बोला कि राष्ट्र की प्रगति और एकता के लिए हिंदुओं और मुसलमानों के बीच सद्भाव जरूरी है.
जामिया मिलिया इस्लामिया के 105वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने हिंदुस्तान की साझी संस्कृति और लोकतांत्रिक भावना को प्रतिबिंबित करने के लिए यूनिवर्सिटी की प्रशंसा की.
मंत्री ने कहा, ‘‘विश्वविद्यालय का आदर्श वाक्य हमारे देश के मूल्यों को खूबसूरती से दर्शाता है. मैं आपको याद दिलाना चाहूंगा कि महात्मा गांधी और सरोजिनी नायडू जैसी महान शख़्सियतों ने इस यूनिवर्सिटी की स्थापना के समय इसका समर्थन किया था.’’
विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के कार्यान्वयन की सराहना करते हुए रीजीजू ने बोला कि वह इसके अकादमिक रिकॉर्ड और राष्ट्रीय रैंकिंग से ‘बेहद प्रभावित’ हैं.
लोकतंत्र में खुली बहस के महत्व पर बल देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लोकतंत्र में लोग अपने विचार आक्रामक रूप से व्यक्त करते हैं, जिससे कभी-कभी ध्रुवीकरण पैदा होता है. लेकिन यह तब तक बुरा नहीं है जब तक कि इससे राष्ट्र को हानि न हो.’’
रीजीजू ने बोला कि संसद में अक्सर शोर-शराबे वाली बहसें होती हैं, फिर भी यह विविध विचारों को व्यक्त करने का सबसे अच्छा मंच है.
उन्होंने कहा, ‘‘संसदीय कार्य मंत्री के रूप में सदन चलाना कभी-कभी मुश्किल होता है. लेकिन संसद में तानाशाही एक जीवंत लोकतंत्र की निशानी है.’’
उन्होंने बोला कि व्यवधानों के बावजूद, जरूरी कानून अंततः ‘राष्ट्रहित में’ पारित होते हैं. मंत्री ने हिंदुस्तान की कानूनी शक्ति और विविधता पर भी बल दिया. उन्होंने कहा, ‘‘संविधान के कारण हम सुरक्षित रहेंगे, क्योंकि यह परेशानी के हर पहलू को शामिल करता है और उसका निवारण प्रदान करता है.’’
रीजीजू ने बोला कि सामाजिक सद्भाव बनाए रखना एक सामूहिक जिम्मेदारी है.