पिछले कुछ वर्षों में रवींद्र जडेजा का जो सहयोग टेस्ट क्रिकेट में हिंदुस्तान के लिए रहा है उसकी अहमियत का अंदाजा उनके आंकड़ों को देखकर लगाया जा सकता है। जडेजा वेस्टइंंडीज के विरुद्ध मैन आफ दि सीरीज भी चुने गए पर वो एक ऐसे बड़े क्लब में एंट्री पाने से चूक गए जिसमें पहंचना बहुत आसान थी पर ना तो कोच माने और ना ही कप्तान।
दिल्ली टेस्ट के पांचवे दिन टीम इण्डिया ने बहुत आराम से वेस्टइंडीज को हराकर सीरीज पर 2-0 से कब्जा कर लिया। इस दौरान ड्रेसिंग रूम में रवींद्र जडेजा सुबह से बैड बांधकर चहलकदमी कर रहे थे और ऐसा लगा कि आज उनको पहले बल्लेबाजी के लिए भेजा जाएगा ताकि वो उस क्लब में एंट्री कर ले जहां केवल तीन लोग ही पहुंच पाएं हैं पर साई सुदर्शन के आउट होते ही कप्तान शुभमन गिल मैदान पर आ गए। और अब जडेजा को दिसंबर तक प्रतीक्षा करना पड़ेगा।
जडेजा पैड बांध कर घूमते रह गए
दिल्ली टेस्ट के पांचवे दिन की सुबह दो चीजों का प्रतीक्षा था एक जो जीत और दूसरा जडेजा के बैट से निकलने वाले 10 रन का। ये दोनों काम एक साथ हो सकता था पर कप्तान गिल इसके लिए तैयार नहीं हुए। सूत्रों की मानें तो जडेजा ने कप्तान गिल से उपर बल्लेबाजी कराने को बोला पर शुभमन अपनी नंबर 4 की पोजीशन छोड़ने को तैयार नहीं हुए और ना हीं उन्होंने जुरेल का नंबर बदला नतीजा जडेजा की बल्लेबाजी नहीं आई और वो 4000 रनों के जादुई आंकड़े को नहीं छू पाए। अब जडेजा को 4000 रन और 300 विकेट के क्लब में एंट्री पाने के लिए दिंसबर तक का प्रतीक्षा करना पडे़गा।
नंबर 6 पर कर रहे हैं कमाल
भारत के स्टार ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा ने मंगलवार को बोला कि बल्लेबाजी के लिए छठे नंबर पर आने से उन्हें एक अच्छे बल्लेबाज के रूप में सोचने में सहायता मिली है। उन्होंने इस परिवर्तन का श्रेय मुख्य कोच गौतम गंभीर को दिया और बोला कि इससे वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में सफल रहे। जडेजा को वेस्टइंडीज के विरुद्ध दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला में हरफनमौला प्रदर्शन के लिए श्रृंखला का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया। इस 36 वर्षीय खिलाड़ी ने अहमदाबाद में पहले मैच में आठ विकेट लिए और 104 रन की पारी खेली थी।
प्रमोशन ने बदल दिया खेल
उन्होंने कहा, ‘‘जब से गौती भाई (गंभीर) ने बोला कि मुझे अब छठे नंबर पर बल्लेबाजी करनी है तब से ही मैं एक अदद बल्लेबाज के रूप में सोच रहा हूं और यह मेरे लिए अच्छा साबित हुआ है। पहले मैं कई सालों तक आठवें और नौवें नंबर पर बल्लेबाजी करता रहा हूं, इसलिए मेरी मानसिकता अब की मानसिकता से थोड़ी अलग थी। ’जडेजा ने बोला कि वह रिकार्ड के बारे में अधिक नहीं सोचते लेकिन टीम में अपनी किरदार को ठीक ठहराने के लिए बल्ले और गेंद दोनों से अच्छा प्रदर्शन करने के प्रति हमेशा सचेत रहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपनी टीम को जीत दिलाने के लिए बल्ले और गेंद दोनों से सहयोग देने पर ध्यान केंद्रित करता हूं। मैं हमेशा ऐसा करने के लिए तत्पर रहता हूं। मुझे लगता है कि यदि मैं बल्ले और गेंद से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता हूं, तो यह एक खिलाड़ी के रूप में मेरी उपयोगिता को नहीं दर्शाता है।